दीवाली की छुट्टियों में जब मैं डेनमार्क से भारत आया तो दिल्ली में घर के निकट कोई अच्छा हिन्दी माध्यम का विद्यालय ढूँढा। मेरे आश्चर्य एवं दुःख की सीमा न थी जब मैंने पाया कि कोई ऐसा विद्यालय है ही नहीं। नॉएडा में एक विद्यालय ऐसा मिला, पर चूँकि उनकी बस घर के पास तक नहीं आती थी इसलिए वह भी उपयुक्त नहीं जान पड़ा। वसुंधरा एन्क्लेव में ममता पब्लिक स्कूल में विष्णु का दाखिला करवाया, जो अंग्रेजी माध्यम में शिक्षा देता है।
ममता पब्लिक स्कूल में जल्द ही विष्णु का मन लग गया और उसने हिन्दी, अंग्रेजी वर्णमाला सीख ली। सौ तक अंग्रेजी गिनती भी सीख ली। फरवरी २००७ में जब विष्णु को स्कूल जाते हुए मात्र चार महीने हुए थे तो स्कूल के वार्षिक उत्सव में विष्णु ने सामुहिक नृत्य के कार्यक्रम में हिस्सा लिया। हम देखने गए और विष्णु का नृत्य देख कर बहुत खुश हुए। जो चीज खली वो थी बोलीवुड का बोल-बाला। छोटे छोटे बच्चे बोलीवुड के "कजरारे नैना" और "It's the time to disco" आदि पर नाच रहे थे। मेरे विचार से संस्कारित गीत एवं अन्य कार्यक्रम होने चाहियें और यह बात मैंने स्कूल की प्रधानाचार्या श्रीमती ममता वालिया के सामने रखी। प्रधानाचार्या ने मेरी बात सूनी और अपनी बेबसी कुछ इस प्रकार से दिखाई - "आज कल बच्चों को यही अच्छा लगता है, हम क्या करें।" मैं दुखी मन से घर लौटा।
अप्रैल २००७ में विष्णु का दाखिला नॉएडा के सरस्वती शिशु मंदिर में कराया। इस स्कूल की बस हमारे घर के नजदीक नहीं आती थी इसलिए सुबह ऑफिस जाने से पहले मैं विष्णु को स्कूल छोड़ने जाने लगा। दोपहर को विष्णु को लाने की जिम्मेवारी मेरी पत्नी आभा ने संभाल ली। गर्मी के दिनों में एक वर्ष की बेटी को घर पर आया के पास छोड़ कर आभा विष्णु को लेने जाती थी। इस छोटे से कष्ट के सामने बड़ी ख़ुशी हमारे सामने ये थी कि विष्णु को अच्छे संस्कार मिलने लगे। स्कूल पर राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ का असर होने के कारण विष्णु को अनुशासन और बड़ों का सम्मान करना आदि गुण मिलने लगे। लेकिन हमें हैरानी तब हुई जब हम ने देखा की हिन्दी माध्यम विद्यालय में गणित अंग्रेजी भाषा में पढाया जाता है। अंग्रेजी गिनती और अंग्रेजी पहाडे देख कर मेरा माथा ठनक गया, पर अब कुछ कर नहीं सकता था। विष्णु सात महीने उस स्कूल में रहा और उस ने हिन्दी वाक्य पढ़ना / लिखना, अंग्रेजी के कुछ शब्द और गणित में ४ तक पहाडे सीख लिए.
फिर मैं परिवार सहित यहाँ इंग्लैंड आ गया हूँ। विष्णु यहाँ अंग्रेजी माध्यम के एक स्कूल में जा रहा है। उसकी आयु के बच्चे अभी अंग्रेजी वर्णमाला और २० तक गिनती सीख रहे हैं। विष्णु उनकी तुलना में काफी आगे है, पर अंग्रेजी बोलना उस ने अभी सीखना शुरू किया है.
25.12.07
16.12.07
ब्लागिंग फिर शुरु
एक साल से ज्यादा हो गया, ब्लाग पर कुछ लिखा ही नहीं। दिसम्बर २००६ में दो वर्ष डेनमार्क रहने के बाद भारत लौट गया। दिल्ली में गृहस्थी फिर से शुरु की, पुत्र विष्णु की पढ़ाई और अपने हिन्दी माध्यम में इन्जीनियरिंग कॉलेज शुरू करने के प्रयासों में वयस्त हो गया। जो थोड़ा समय मिलता, वह मित्रों व रिश्तेदारों से मिलने में निकल जाता। ब्लाग पर लिखना बन्द हो गया।
लगभग एक वर्ष बाद अब मैं ब्रिटिश टेलीकाम (British Telecom) के एक प्रोजेक्ट पर इपस्विच (Ipswich) इंगलैण्ड आ गया। अब जब कि मैं यहां settle हो गया हूं तो लगता है कि पुनः ब्लाग पर लिखना शुरू कर सकता हूं।
पिछले एक वर्ष में काफी कुछ घटित हुआ, जिसके बारे में लिखना चाहता हूं। विष्णु की तथाकथित हिन्दी माध्यम स्कूल में पढ़ाई, अपने इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने के प्रयास और निराशा व निरुत्साह के दौर के बारे में शीघ्र ही लिखूंगा।
लगभग एक वर्ष बाद अब मैं ब्रिटिश टेलीकाम (British Telecom) के एक प्रोजेक्ट पर इपस्विच (Ipswich) इंगलैण्ड आ गया। अब जब कि मैं यहां settle हो गया हूं तो लगता है कि पुनः ब्लाग पर लिखना शुरू कर सकता हूं।
पिछले एक वर्ष में काफी कुछ घटित हुआ, जिसके बारे में लिखना चाहता हूं। विष्णु की तथाकथित हिन्दी माध्यम स्कूल में पढ़ाई, अपने इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने के प्रयास और निराशा व निरुत्साह के दौर के बारे में शीघ्र ही लिखूंगा।
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