एक साल से ज्यादा हो गया, ब्लाग पर कुछ लिखा ही नहीं। दिसम्बर २००६ में दो वर्ष डेनमार्क रहने के बाद भारत लौट गया। दिल्ली में गृहस्थी फिर से शुरु की, पुत्र विष्णु की पढ़ाई और अपने हिन्दी माध्यम में इन्जीनियरिंग कॉलेज शुरू करने के प्रयासों में वयस्त हो गया। जो थोड़ा समय मिलता, वह मित्रों व रिश्तेदारों से मिलने में निकल जाता। ब्लाग पर लिखना बन्द हो गया।
लगभग एक वर्ष बाद अब मैं ब्रिटिश टेलीकाम (British Telecom) के एक प्रोजेक्ट पर इपस्विच (Ipswich) इंगलैण्ड आ गया। अब जब कि मैं यहां settle हो गया हूं तो लगता है कि पुनः ब्लाग पर लिखना शुरू कर सकता हूं।
पिछले एक वर्ष में काफी कुछ घटित हुआ, जिसके बारे में लिखना चाहता हूं। विष्णु की तथाकथित हिन्दी माध्यम स्कूल में पढ़ाई, अपने इंजीनियरिंग कॉलेज शुरू करने के प्रयास और निराशा व निरुत्साह के दौर के बारे में शीघ्र ही लिखूंगा।
16.12.07
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3 टिप्पणियां:
आपका स्वागत है फिर से।
अब सोचिए मत जनाब... बस शुरू हो जाइए और हमें भी अपने अनुभवो से अवगत कराइए. फिर वापसी पर स्वागत.
अच्छा निर्णय लिया ,फिर से ब्लॉग लिखने का । प्रतीक्षा रहेगी आपकी प्रविष्टियों की ।
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